poems and write ups
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जी में आता है
तेरी आगोश में हो
सर मेरा ,मेरी जुल्फों को
खरामा खरामा सहलाएं
उँगलियाँ तेरी,या फिर
धीरे से छुपा लूं तेरे
सीने में मैं अपना चेहरा,
अपने घेरे में जकड लें
मुझे बाहें तेरी
राजे दिल मेरा
बिना बोले ही
तुझ पे अयाँ हो जाए
जबतेरी आँख से
मिल के झुक जाए
लाज से पलक मेरी
फिराक के ख्याल से
जब आँख हो नम मेरी
तू अपने गर्म लबों से
सोखले आंसुओं को
टपकने ना दे
पर ये ख्वाहिशें,ये चाहतें
ये हसरतें ये तम्मंनाएं
होती हैं बस सिर्फ और सिर्फ
जलाने के लिए दिल को
जो जी में होता है
हकीकत में नहीं होता.
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