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हिंदी ब्लॉग्गिंग ने हिंदी में नै जान फूँक दी है और जागरण जंक्शन एवं अनेक साहित्यिक ग्रुप्स बन गए हैं जो नित नई रचनाएँ पब्लिश और पोस्ट कर रहें हैं !दिन प्रतिदिन ब्लोग्गेर्स और ग्रुप्स की संख्या में वृद्धि हो रही है !मुझे समझ नहीं आता की हिंदी के समर्थक इतने निराश क्यूँ होते जाते हैं !हिंदी ब्लॉग्गिंग से एक नया मंच एक नया माध्यम मिल गया लोगों को अभिव्यक्ति का! मैं स्वयं भी बहुत सारे ग्रुप्स की सदस्य हूँ और पाती हूँ की कुछ लोग तो निश्चय ही बहुत अच्छा और स्तरीय लेखन कर रहें हैं और कर सकते हैं!देश और दुनिया में क्या हो रहा है उसके बारे में सब जागरूक हैं और अपना मत ब्लॉग्गिंग द्वारा व्यक्त करते हैं उन ब्लोग्स पर टिप्पणिया आती हैं और बहुत से लोग उस विषय से जुड़ जाते हैं अपनी व्यक्तिगत समस्याएं और मानसिक उद्वेलन ,अपनी छोटी छोटी बातें वो ब्लॉग्गिंग के माध्यम से साझा करते हैं .कई साहित्यिक ब्लोग्स तो लोगों को प्रेरित करते हैं रचनाए भेजने के लिए बहुत से नई नई लेखन विधाओं की जान कारी देते हैं !कई बार तो जब मैं लोगों की कवितायें ,मुक्तक ,हाइकू आदि पढ़ती हूँ तो पाती हूँ की हर व्यक्ति के दिल में भावनाओं से ओतप्रोत एक कवि और लेखक छुप कर बैठा था जिसको ब्लॉग्गिंग ने बाहर निकाल कर परिमार्जित और परिष्कृत कर दिया है!हिंदी ब्लॉग्गिंग एक आन्दोलन का स्वरुप लेती जारही है !एक दूसरे की तारीफ़ करना या फिर त्रुटियाँ निकाल कर बताने से हिंदी का प्रचलन बढ़ रहा है ! दरअसल हमलोग अपने आप को अपनी मातृभाषा में सही अभिव्यक्ति दे पाते हैं जो इंग्लिश के हिमायती हैं वो भी पूरी इंग्लिश न बोल और लिख कर हिंदी पर आजाते हैं !जब हम ब्लॉग पर आते हैं और बात करते हैं तो ऐसा लगता है की हमें भाई,बहिन या फिर मित्र और शुभचिंतक मिल गए हैं !उनके सुखदुख ,उनकी सफलताएं उनकी अच्छी रचनाये हमें अपनी सी ही लगती हैं ब्लॉग पर अपना नाम देखना फिर उस पर टिप्पणिया देखना एक इतना सुखद और प्यारा अनुभव होता है कि हम नित नयी कल्पना करते हैं और उनको शब्दों से निरुपित कर देते हैं !हाँ एक बहुत बड़ी कमी जो अनुभव करते हैं हिंदी ब्लोग्गेर्स वो ये कि जैसे इंग्लिश बाय डिफ़ॉल्ट टंकित कर सकते हैं हिंदी नहीं उसका भी जागरण जंक्शन ब्लॉग स्पॉट ने हल दे दिया है रोमन को हिंगलिश(हिंदी) में अनुवाद करने करने का पर अन्य ग्रुप्स में ऐसा नहीं हो पाता! और एक बात ये भी है कि जो लोग हिंदी ब्लॉग्गिंग करते हैं करीब ७०% कंप्यूटर के नियम और भाषा से अनभिग्य होते हैं क्यूंकि ऐसा कहा जाता है कि गूगल पर टूल है जो हमें हिंदी में पोस्ट लिखने कि सुविधा प्रदान करता है परन्तु अभी तक कई लोग इस को समझ नहीं पाए हैं और इसका लाब्भ उठा नहीं पाए हैं!खैर मुझे लगता है जल्दी ही ये समस्या भी दूर हो जायेगी ब्लॉगर बंधू एक दूसरे कि सहायता से शीघ्र ही इसका हल खोज लेंगे.!एक और उल्लसित करने वाली बात है कि कई सह्त्यिक ग्रुप्स साहित्यिक आयोजन कर रहे हैं और पत्रिकाएँ भी निकाल रहे हैं इस तो निश्चय ही हिंदी का प्रचार और प्रसार होगा और हिंदी समृद्ध होगी.जब फूल अपनी महक बिखेरेगा तो भंवरे आप ही आजायेंगे !जब हिंदी में इतना सौन्दर्य होगा तो साधक भी अपने आप आजायेंगे.
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