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वो पांच —

poems and write ups
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वो पांच —-
आज घर में ख़ुशी का माहौल है सब इक्कठे हैं और होली का जश्न मन रहे हैं पर एक समय था जब शर्मा जी और श्रीमती शर्मा बहुत मायूस थे क्यूंकि उनका कोई पुत्र नहीं था और एक पुत्र कि चाहत में शर्मा जी के यहाँ एक एक कर के पांच बेटियां हो गयीं एक के बाद एक! हालाँकि शर्मा जी तो परिवार नियोजन के चलन के अनुसार २ संतानों के बाद ही पूर्ण विराम चाहते थे परन्तु श्रीमती शर्मा जी के हठ के आगे उनकी एक न चली !कभी वो किसी वैद्य की पुड़िया का भरोसा दिलातीं कभी ज्योतिषी की भविष्यवाणीका या फिर बाबा जी का आशीर्वचन का, पर पुत्र ,न होना था, न हुआ !अब शर्मा दंपत्ति को को उनके लालन पालन और विवाह की चिंता सताने लगी थी और अड़ोसी पड़ोसियों की हंसी उड़ाती नज़रें भी चुभतीं!लडकियां बड़ी होरही थीं और उन्हें भी इस चीज़ का अचरज होता कि आजकल जब एक या दो बच्चे मुश्किल से पाले जाते हैं वो पांच क्यों हैं ! उन्हें झेंप भी लगती लोगों के तानो ,उलाहनों और पीठ पीछे कि खिल्ली से!पर उनोहोने भी ठान लिया था कि वो वो दुनिया को दिखा देंगी कि बेटियां किसी से कम नहीं ,और लोगों को को क्या ,क्या वो उनके भोजन ,कपड़ों और शिक्षा कि व्यवस्था करते हैं ??? कई बार समाचार पत्रों में पढ़ती कि ४ बेटियों के माता पिता ने ,फँसी लगा ली क्यूंकि वो बेटियों के लिए वर नहीं ढूंढ पा रहे थे या फिर बेटियों ने खुद ही आत्महत्या कर ली ! इस पर वो कुछ विचलित हो जाती! परन्तु वो समझदार थीं साथ साथ बड़ी हो रही थी एक दूूसरे की सखियाँ और सम्बल बन गयी थीं आयु में कम अंतर होने के कारन !मिलजुल कर पढ़ती खेलती और खाती एक दूूसरे के कपडे पहनती,माँ का हाथ भी बटा देती ! उन्होंने अपने माता पिता को भी समझया कि वो बस उनकी शिक्षा में कमी न आने दें फिर वो देखेंगे कि बेटियां कैसे उनके अरमान पूरे करती हैं! शिक्षा को लेकर भी शर्मा जी को अधिक चिंता नहीं करनी पड़ी क्यूंकि सारी ही बच्चियां होनहार ,तीक्ष्ण बुद्धि की स्वामिनी,मेधावी और मेहनती थीं ! छात्रवृति पर पढ़ी और एक दूसरे की सहायता से एक के बाद एक कठिन से कठिन परीक्षा में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होती गयीं.बड़ी दोनों लड़कियां अब डॉक्टर हैं ,बीच वाली अधिवक्ता और छोटी दोनों CA करके अच्छे व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में कार्यरत हैं !आज भी सारी बहिने गर्व और स्नेह से अपने माता पिता के साथ रहती हैं और उन्होंने अपने वर भी चुन लिए हैं जो उनके माता पिता को वैसा ही सम्मान देते हैं जैसे कि अपने माता पिता को ! आज सब शर्मा परिवार को मान सम्मान और आदर देते है! आज शर्मा दंपत्ति को अपनी सुंदर ,सुलक्षण,और संहशील बेटियों पर अभिमान है!

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