poems and write ups
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सजना है मुझे —–
सुनो न ,कहती है क्या ??/
वासंती हवा —
प्रियतम आने वाले हैं !
सजना है मुझे —
आओ न रजनीगंधा ,
बस जाओ मेरी साँसों में
महका दो इन्हे–
प्रियतम आनेवाले हैं!
पलाश तुम दहको,
अंगार से मेरे गालों में ,
मोतिया धवल तुम,
झरो मेरी हंसी में
प्रियतम आने वाले हैं !
चन्दन बन जाओ न
तुम, तन मेरा मादक
चुन चुन चमेली
गजरा बनाऊं ,केश बांधू
प्रियतम आने वाले हैं !
गूंथ कर माला, सुर्ख
गुलाबों की, सुवासित,
ले खड़ी हूँ द्वार पर,
टकटकी बांधे प्रतीक्षारत
प्रियतम आने वाले हैं !
आ गए प्रियतम अगर तुम
पंखुरी लोचन कमल की
उठाऊँ ,फिर गिराऊँ
मूँद लूँ पलकों में
अपने भ्रमर को,जाने न दूँ !
सुनो न ,
कहती है क्या
वासंती हवा ???
प्रियतम आनेवाले हैं !
सजना है मुझे !
—— ज्योत्स्ना सिंह !
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